प्रह्लाद महाराज के दिव्य उपदेश (Prahlad Maharaj ke Divya Updesh)
Author: कृष्णकृपामूर्ती श्री श्रीमद् ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद
Description
प्रह्लाद महाराज जो केवल पाँच वर्ष के बालक थे, उनके सहाध्यायीयों को आत्म-साक्षात्कार के दिव्य विज्ञान के विषय में शिक्षा देते हैं, जो उनके नास्तिक पिता हिरण्यकशिपू को बिलकुल पसन्द नहीं था। उन्होंने यह ज्ञान उनके गुरु नारद मुनि से प्राप्त किया था, जब वे अपनी माता की कोख में ही थे। इन सार्वभौमिक शिक्षाओं को इस पुस्तिका में संकलित की गई हैं, जिससे हमें ध्यान, इन्द्रिय संयम, मन की शान्ति प्राप्त करने की विधि और अन्त में जीवन के सर्वोपरि गन्तव्य – शुद्ध भगवद्प्रेम – को प्राप्त करने का ज्ञान मिलता है।
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