कृष्ण की ओर (Krishna ki Aur)
Author: कृष्णकृपामूर्ती श्री श्रीमद् ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद
Description
हम सभी सुख की खोज में हैं, परन्तु वास्तविक सुख क्या है इस बात को हम नहीं जानते। सुख का विज्ञापन तो हमें बहुत देखने मिलता है, परन्तु जो सुखी हुए हैं ऐसे गिनेचुने ही लोग हम देख पाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि, यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि, वास्तविक सुख का स्तर क्षणभंगुर वस्तुओं के परे है। यही वह वास्तविक सुख है, जिसका वर्णन ‘कृष्ण की ओर’ में किया गया है।
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