देवहूतिनन्दन भगवान कपिल का शिक्षामृत (Bhagavan Kapil ka Shikshamrita)
Author: कृष्णकृपामूर्ती श्री श्रीमद् ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद
Description
प्राचीन युग में भगवान् कृष्ण के अवतार भगवान् कपिलदेव माता देवहूति के पुत्र के रूप में प्रकट हुए थे। जब उनके पति घर से वन में गये थे, तब भगवान् कपिल ने अपनी पुण्यशील माता को सांख्य योग का उपदेश दिया—सांख्य अर्थात् ब्रह्मांड, चेतना का स्वभाव एवं प्रत्येक वस्तु के उद्गम के ज्ञान का विश्लेषणयुक्त मार्ग। इस ग्रंथ में वैदिक दर्शन एवं धर्म के विश्व में सर्वाधिक विद्वान गुरु, श्रील प्रभुपाद दर्शाते हैं कि भगवान् कपिल के प्राचीन उपदेश वर्तमान समाज के लिए भी कितने युक्तिसंगत हैं कि आज भी मनुष्य अपने प्रश्नों का उत्तर ढूँढ़ने में इससे मार्गदर्शन प्राप्त कर सकता है यथा आत्मा का मूल स्वभाव, सृजन कर्ता एवं वास्तविक सुख की खोज इत्यादि।
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